सदी के सबसे बड़े महायज्ञ में गूंजेंगे मंत्र और जाप, रंग-बिरंगी लाइट्स से दुल्हन की तरह सजा दरबार….

10 लाख हवन आहूतियों के साथ 25 लाख धन्वंतरि कुबेर जाप किया जाएगा सिद्ध

कृष्णगिरी। हमारा देश सदैव समृद्ध, सुरक्षित और स्वस्थ रहे और एक बार फिर से हिन्दुस्तान को विश्व गुरु का दर्जा हासिल हो। इसी बात को ध्यान रखते हुए बेंगलूरु से 120 और चैन्नई से लगभग 260 किलोमीटर दूर तमिलनाडू के कृष्णगिरी तीर्थधाम में शक्तिपीठाधिपति राष्ट्रसंत, यतिवर्य, विद्यासागर डॉ. वसंतविजयजी म.सा. के पावन सानिध्य में विश्व शांति एवं महालक्ष्मी कुबेर अर्थ धर्म समृद्धि कलश अनुष्ठान का आयोजन 14 से 23 जुलाई तक किया जाएगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां सदी के सबसे बड़े महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें मंत्र और जाप के साथ लगभग 10 लाख हवन आहूतियां दी जाएंगी। इसके लिए बाकायदा तीर्थधाम पर 40 हजार वर्गफुट के विशाल यज्ञमंडप में 108 प्रकाण्ड विद्वान पंडितों द्वारा इस महाअनुष्ठान का आयोजन होगा।

देश के वातावरण में फैली अशुद्धियां समाप्त होंगी

पूज्य गुरुदेव, राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा. का कहना है कि इस अनुष्ठान से देश के वातावरण में फैली अशुद्धियां न केवल समाप्त होंगी, बल्कि भारतवासी शांति के साथ अपना जीवनयापन कर सकेंगे। घर को स्वर्ग बनाने वाले इन दिव्य कलशों को महालक्ष्मी कुबेर मंत्रों से 1 करोड़ कुमकुम पूजन, 10 लाख हवन आहूतियों और 25 लाख धन्वंतरि कुबेर जाप के साथ सिद्ध किया जाएगा। कलश में अनेक दिव्य औषधियां व जड़ी बूटियां, नवरत्न, 32 उपरत्न, 32 हीलिंग जेमस्टोन्स, 3 दिव्य सिद्धयंत्र, 106 वैष्णव तीर्थों का दिव्य कुंकुम, 1 करोड़ लक्ष्मी मंत्रों से अभिमंत्रित कुंकुम, 10 लाख आहूतियों से सिद्ध दिव्य यज्ञ भस्म, मूल्यवान धातुएं डाली जाएगी।

रंग-बिरंगी लाइट्स से दुल्हन की तरह सजा दरबार

कृष्णगिरी तीर्थधाम का दरबार रंग-बिरंगी लाइट्स से दुल्हन की तरह सज गया है। कोरोना गाइडलाईन्स के साथ यहां पंजीकृत श्रद्धालूओं को ही आमंत्रित किया गया है, निश्चित ही विश्व विख्यात इस चमत्कारी दरबार में पहुंचने वाले लोगों पर मां महालक्ष्मी कृपा भी बरसाएंगी। जिससे घर में सुख-समृद्धि फैलेगी। दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालूओं के लिए यहां मां के दर्शन करने से मनचाहे मनोरथ हासिल होंगे।

पवित्र स्थानों से लाया गया है कुमकुम

महायज्ञ के लिए बद्रीनाथ, रघुनाथ, जोशीमठ, अयोध्या, मथुरा, तिरुपति लक्ष्मी मंदिर आदि जैसे पवित्र स्थानों से कुमकुम लाया गया है। साथ ही पीतल के पान व नारियलयुक्त पीतल के बने 6 लीटर के 5 हजार कुुंभ अति विशाल मां महालक्ष्मीजी की प्रतिमा के समक्ष अभिमंत्रित किए जाएंगे। इस महायज्ञ में मेवा, औषधियां व देशी गाय के घी सहित दुर्लभ जड़ी बूटियों को अर्पण कर दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक एक लाख आहूतियां दी जाएगी। भगवान कुबेरदेव व भगवान धन्वंतरि की आहुतियां देकर देश में समृद्धि एवं आरोग्य की कामना के साथ प्रार्थना होगी। उन्होंने बताया कि शाम को 8 बजे से मां लक्ष्मीजी की महिमायुक्त भागवत कथा मथुरा से आए हुए श्री प्रणवपुरीजी महाराज द्वारा की जाएगी। साथ ही भक्तिमयी संगीत संध्या व मनोरम झांकियां भी सजाई जाएगी। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण डॉ वसंतविजयजी म.सा. के अधिकृत एवं वेरीफाइड यूट्यूब चेनल थॉट योगा पर प्रसारित होगा। वहीं प्रतिदिन धार्मिक चेनल संस्कार व सत्संग पर रात्रि 10:50 बजे से 11:50 बजे तक आयोजन के मुख्य अंश प्रसारित किए जाएंगे।

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